शासकीय डाॅ. बाबा. साहेब भीमराव अम्बेडकर महाविद्यालय डोंगरगांव की स्थापना 03 सितंबर 1984 को म.प्र. शासन उच्च शिक्षा विभाग की विस्तारीकरण नीति एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा प्रबुद्धजनों की मांग पर इस उद्देश्य से की गई थी कि यहां के अर्द्धशहरी, ग्रामीण तथा आदिवासी एवं पिछड़ेक्षेत्र के विद्यार्थी उच्च शिक्षा का लाभ प्राप्त करें।
स्थापना वर्ष में यहां सिर्फ 81 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया जिनके लिए कला संकाय के अंतर्गत हिन्दी, अंग्रेजी, राजनीतिशास्त्र, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और इतिहास विषय में अध्यापन की व्यवस्था थी, किन्तु विद्यार्थियों, जनप्रतिनिधियों, महाविद्यालय प्रशासन के निरंतर प्रयासों से 1986-87 में वाणिज्य स्नातक की कक्षाएं तथा 1997-98 में राजनीतिशास्त्र (एम.ए.)अध्यापन की व्यवस्था एवं 2005-06 में विज्ञान संकाय तथा स्नातकोत्तर वाणिज्य एम.काम. एवं स्नातकोत्तर हिन्दी (एम.ए.) के अध्यापन की व्यवस्था शासन द्वारा की गई। सत्र 2011-12 में एम.एस.सी. गणित, बी.काम. एवं बी.एस.सी. की कक्षाओं में कम्प्यूटर एप्लीकेशन विषय प्रारंभ किया जा चुका है।
81 विद्यार्थियों से प्रारंभ हुआ यह महाविद्यालय रजत-जयंती वर्ष 2009-10 में 753 विद्यार्थियों की दर्ज संख्या के साथ जिले का महत्वपूर्ण महाविद्यालय होने का गौरव प्राप्त कर चुका है।
महाविद्यालय का संपूर्ण विकास हो इसके लिए शासन द्वारा 1997-98 से महाविद्यालय में जनभागीदारी प्रबंधन समिति का गठन किया गया है, गठन के पश्चात् से ही समिति महाविद्यालय संरचना विकास एवं श्रेष्ठ अध्यापन व्यवस्था हो इसके लिए निरंतर प्रयासरत है।
9वीं पंचवर्षीय योजना सेमहाविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली एवं क्षेत्रीय कार्यालय भोपालसे अनुदान प्राप्त होना आरंभ हुआ है, ताकि महाविद्यालय उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार ला सके।
आज महाविद्यालय जिले का महत्वपूर्ण महाविद्यालय होने का गौरव लिए शैक्षणिक सत्र 2009-10 में अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूर्ण कर रजत-जयंती मना चुका है। वर्ष 2008-09 में महाविद्यालय का नाम बदलकर संविधान निर्माता डाॅ. बाबा. साहेबभीमराव अम्बेडकर महाविद्यालय डोंगरगांव किया गया। बदलते परिवेश एवं मांग के साथ-साथ महाविद्यालय में कम्प्यूटर शिक्षा तथा व्यवसायिक पाठ्यक्रम प्रारंभ होइसके लिए महाविद्यालय प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि निरंतर प्रयासरत् है। प्रस्ताव शासनके पास विचाराधीन है महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को रोजगार सूचना केन्द्र तथामार्गदर्शन प्रकोष्ठ की स्थापना रजत-जयंती वर्ष 2009-10 में की गई है, प्रकोष्ठ निरंतर विद्यार्थियों केव्यक्तित्व विकास, रोजगार सूचना, प्रशिक्षण, मार्गदर्शन का कार्य कर रहा हैजिससे सार्थक परिणाम आ रहे हैं, जिससे विद्यार्थी समुदाय लाभांवित हो रहा है।
महाविद्यालय के विद्यार्थी ज्ञान के नए क्षेत्रों से परिचित हो सके इसके लिए विषय विशेषज्ञों के व्याख्यान विषयवार आयोजित किये जा रहे हैं तथा समय-समय पर रोजगार मुहैया कराने हैं। कैम्पस इंटरव्यू का आयोजन भी किया जा रहा है। महाविद्यालय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की सहायता से एन.आर.सी. केन्द्र की स्थापना की गई है। ताकि विद्यार्थी इंटरनेट की सुविधा तथा ज्ञान के नए क्षेत्रों से परचित हो सके, राष्ट्रीय सेवा योजना, रेडक्रास जैसे संगठनों से महाविद्यालयीन विद्यार्थी अपना सामुदायिक विकास तथा जनसेवा का आदर्श भी प्रस्तुत कर सकेंगे। पुस्तकालय में पृथक अध्ययन कक्ष की स्थापना की गई है जहां विद्यार्थी खाली समय में बैठकर समय के उपयोग के साथ ज्ञानार्जन भी कर सकेंगे तथा पुस्तकालय कापूर्ण उपयोग भी कर सकेंगे। महाविद्यालय में निरंतर क्रीड़ा गतिविधियां आयोजित की जाती है ताकि विद्यार्थी अध्ययन के साथ-साथ खेल जगत में भी महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित कर महाविद्यालय का नाम रौशन कर सके.
महाविद्यालय के विद्यार्थियों से यह अपेक्षा है कि शैक्षणिक, सांस्कृतिक, खेलकूद तथा अन्य सभी गतिविधियों में अपनी सक्रियता का परिचय देकर महाविद्यालय की गरिमा में अभिवृद्धि करेंगे।